पटना। सांस्कृतिक संस्था जोगांजलि, पटना द्वारा संगीत नाटक अकादेमी, नयी दिल्ली के सौजन्य से इश्तियाक अहमद लिखित एवं मनीष महिवाल द्वारा निर्देशित नाटक “कातिल खेत” का मंचन लोक पंच स्टूडियो, पूर्णिमा अपार्टमेंट, सालिमपुर अहरा, पटना में किया गया।
नाटक “कातिल खेत” जैविक खेती पर आधारित है। नाटक के माध्यम से दिखाया गया कि एक किसान जो अपनी किसानी से खुश है, थोड़ा-थोड़ा अपनी जरूरत की सभी खाद्य सामग्री उगाता है।
एक दिन किसान को हल जोतते समय खेत में एक चिराग मिलता है, वह चिराग को साफ करता है तभी उसके अंदर से जिन्न निकलता है और सलाह देता है कि तुम अपने खेत में रासायनिक खाद का उपयोग करो, उपज 5 गुना होगा और एक बार में एक ही फसल लगाओगे तो और ज्यादा फायदा होगा, पर खर्च थोड़ा ज्यादा लगेगा। जबकि किसान की पत्नी किसान को यह सलाह मानने से बार-बार मना करती है, लेकिन किसान नहीं मानता।
वो कर्जा, पईचा लेकर खेती शुरू करता है।
बार-बार कर्ज लेता है पर समय पर चुका नहीं पाता है, मजबूरन अपनी सारी फसल और जमीन से हाथ धो बैठता है और अंत में वह आत्महत्या कर लेता है।
नाटक “कातिल खेत” का पात्र परिचय:-
*मंच पर*
किसान : मनीष महिवाल
पत्नी : सोनल कुमारी
जिन : डॉ विवेक ओझा
बैल 1 : सत्यम
बैल 2 : अरबिंद कुमार
मुखिया : अभिषेक
मुंशी जी : सत्यम
ग्रामीण : रवि कुमार, मुकेश,
मंच परे
प्रकाश : राम प्रवेश
रूप सज्जा: साधना/सोनल
संगीत : अभिषेक राज
मंच व्यवस्था : तान्या बनर्जी
प्रॉपर्टी : कृष्ण देव/प्राची
वस्त्र विन्यास: रितिका/ममता
लेखक : इश्तियाक अहमद
निर्देशक : मनीष महिवाल
प्रस्तुति: जोगांजलि, पटना