प्रथम एलुमनी मीट: पुरानी यादों को दोबारा जीने की तमन्ना लिए मिले पुराने दोस्त, खूब हुआ ‘याराना’

मुख्य अतिथि मंडल रेल प्रबंधक/दानापुर के द्वारा दीप प्रज्जवलन से हुआ शुभारंभ

खगौल। पहले गौर से एक-दूसरे को निहारा और फिर दिमाग पर जोर डालकर पहचानने की कोशिश की। जब पहचाना तो गर्मजोशी से गले मिलकर भावुक हो गए। उसके बाद शुरू हुआ छात्र जीवन की यादों को ताजा करने का सिलसिला। वह यादें जो वर्षों से दिल में संजोए हुए थे। यह दृश्य था ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे सीनियर सेकेन्ड्री स्कूल, दानापुर खगौल के एलुमनी मीट का।
रविवार को आयोजित इस ऐतिहासिक एलुमनी मीट का शुभारंभ दानापुर रेल मंडल के मंडल रेल प्रबंधक जयंत चौधरी,वरिष्ठ एलुमनी 1955 बैच के जगरन्नाथ चटर्जी, डीएफसीसीआईएल के जीएम (एचआर) सह स्कूल के पूर्ववर्ती छात्र मनीष चन्द्र, सीनियर डीपीओ अशोक कुमार एवं प्राचार्य ज्ञानेश्वर, खगौल नगर अध्यक्ष सुजीत कुमार, कोर कमिटी के अध्यक्ष सुशील कुमार द्वारा संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस मौके पर पूर्ववर्ती छात्रों द्वारा लिखित स्मारिका का विमोचन करते हुए रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति किया गया। जिसमें पूर्ववर्ती छात्रों द्वारा संगीत के साथ नवाब आलम एवं अमरजीत शर्मा द्वारा निर्देशित नाटक ‘बापू की हत्या हजारवीं बार’ की भी प्रस्तुति की गई। दिनभर चले इस कार्यक्रम में एक से बढ़कर एक कार्यक्रम की प्रस्तुति में मौजूद छात्रों ने खूब मस्ती की। प्रथम एलुमनी मीट के अवसर पर मुख्य अतिथि मंडल रेल प्रबंधक जयंत चौधरी ने बताया कि रेलवे स्कूल 134 वर्ष के स्वर्णिम काल में आपके विद्यालय ने कई विभूतियों को उत्पन्न किया जो भारत में ही नहीं विदेशों में भी अपनी प्रतिभा का डंका बजा रहे हैं। इस मौके पर आप अपने पुराने मित्रों से मिलकर अपनी भावनाओं को उजागर करने का भरपूर फायदा उठावें।
इसके लिए कोर कमिटी सहित विद्यालय परिवार को धन्यवाद देता हूँ।
एक बार पुनः आप सभी का आभार।
1955 से लेकर 2023 तक के पास आउट हजारों छात्र देश व विदेशों से आकर एक जगह इकट्ठा हुए है। कई वर्षों से बिछड़े दोस्तों के इस पुनर्मिलन समारोह ने सबको भावुक कर दिया। यह स्कूल की बहुत बड़ी उपलब्धि है। इस एलुमनी मीट में शामिल होने वाले सबसे वरिष्ठ पूर्व छात्र ने 68 वर्ष पूर्व मैट्रिक पास किया था। स्कूल के गोल्डेन जुबिली, सिल्वर जुबिली बैच के छात्रों में स्कूल के दिनों जैसा उत्साह देखने को मिला। कार्यक्रम के दौरान रह-रह कर उनके बीच से उठ रही उल्लासपूर्ण गूंज इस उत्साह की गवाही थी। वे सभी उस समय क्लासरूम के दौरान की गई हंसी-ठिठोली वाली गतिविधियों की चर्चा करते रहे। सेल्फी के जरिये यादों को संजोने का सिलसिला भी खूब चला।
*घूम गई छात्र जीवन की रील*
पुराने छात्रों ने कहा कि,
जब हम पढ़ते थे तो स्कूल में संसाधनों का अभाव जरूर था लेकिन मेधा की कमी नहीं थी। यही वजह है कि यहां से निकले विद्यार्थी आज पूरी दुनिया में नाम रौशन कर रहे हैं।
ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे सीनियर सेकेन्ड्री स्कूल में पढ़ाई का उच्च स्तर आज भी बरकरार है। स्कूल परिसर में आकर छात्र जीवन की रील घूम गई है। काफी ऊर्जावान महसूस कर रहा हूं।
134 साल के इस स्कूल के प्रथम एलुमनी मीट की परिकल्पना दानापुर रेल मंडल में कार्यरत मुख्य प्रचार निरीक्षक तनबीरूल हक ने किया था, जो कि इस स्कूल के छात्र भी नहीं रहे हैं।
इस अवसर पर स्कूल के सभी शिक्षक एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में सेवानिवृत शिक्षक भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन देव लाल आर्टस ग्रुप के डायरेक्टर तथा धन्यवाद ज्ञापन स्कूल के साईन्स टीचर डाॅ बिजय कुमार सिंह ने
किया।

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