पटना। संकाय विकास कार्यक्रम के पांचवें दिन प्रो. डॉ. वेंकट राव वाइस चांसलर इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लीगल एजुकेशन एंड रिसर्च, गोआ, इंडिया ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए शिक्षकों और न्यायाधीशों के लिए निरंतर सीखने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इन पेशेवरों को कभी भी सेवानिवृत्त नहीं होना चाहिए, क्योंकि वे आजीवन शिक्षार्थी, अग्रिम पंक्ति के शोधकर्ता और समस्या समाधानकर्ता होते हैं। इसलिए शिक्षकों को निरंतर अपने आप में सुधार करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने प्रशासन के क्षेत्र में बिहार के महत्वपूर्ण योगदान को भी स्वीकार किया, राज्य के कई छात्रों ने आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के रूप में प्रतिष्ठित पदों को प्राप्त किया। अंत में, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षकों को न्याय और निष्पक्षता के गुणों का उदाहरण देना चाहिए और अपने छात्रों के लिए आभासी रोल मॉडल बनना चाहिए।
फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के पांचवें दिन डॉ. नरेंद्र कुमार आर्य ने व्यावसायिक नैतिकता पर बहुत ही जानकारीपूर्ण सत्र आयोजित किया। अकादमिक सत्यनिष्ठा से संबंधित अपने व्याख्यान के मुख्य बिंदु के रूप में उन्होंने यह भी साझा किया कि हमें अपने पेशे के प्रति ईमानदार होना चाहिए जो हमारे पेशे में वृद्धि करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि पेशेवर नैतिकता का पालन एक पेशे में विश्वास, विश्वसनीयता और व्यावसायिकता को बढ़ावा देता है और पूरे पेशे की अखंडता में मदद करता है।
इस अवसर पर महाविद्यालय की सारी शिक्षिकाएं उपस्थित थी।