नाटक से बताया- कष्ट सहे बिना जीवन में सफलता नहीं मिलती

फुलवारी शरीफ, रंजीत सिन्हा। सर्वमंगला सांस्कृतिक मंच की ओर से साप्ताहिक नुक्कड़ नाटक की श्रृंखला में महेश चौधरी द्वारा लिखित एवं निर्देशित नाटक “तकलीफ में भी मुस्कुराएं ” की प्रस्तुति वाल्मी, फुलवारीशरीफ में की गई।

नाटक की शुरुआत सौरभ राज के स्वरबद्ध गीत- कड़ी मेहनत से बहुतों की तकदीर बदली है, मेहनत करके तो देखो यारो तुम्हारी भी तस्वीर बदल जाएगी….से की गई।
इस नाटक के माध्यम से एक ऐसे युवक की कहानी को दिखाया गया है जिसमें वह निराश होकर कहता है कि जिंदगी में बहुत कष्ट है। हर कदम पर रुकावटें हैं कोई भी काम हाथ में लेते हैं तो उसे पूरा करने में कई बाधाएं आती है। यह सोचते हुए वह अपनी जिंदगी से हार मान लेता है। इसी बीच उसका मित्र समझाता है कि महात्मा गांधी ने कहा था कि कष्ट सहने पर ही हमें अनुभव होता है और दर्द हो तभी हम सीख पाते हैं इसलिए हमें कष्ट सहे बिना कोई सिद्धि नहीं मिलती। क्षेत्र चाहे जो भी हो कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है जिसने भी कभी कष्ट नहीं झेला वह अपने जीवन पथ में आगे नहीं बढ़ सका। यदि आप अपने तकलीफों में भी मुस्कुराने का हुनर सीख लेते हैं तो जिंदगी की जंग जीतने से कोई नहीं रोक सकता।
यह सुनकर उस युवक के सारे दुख दर्द कम हो जाते हैं फिर वह दृढ़ता पूर्वक अपने काम में लग जाता है फिर वह एक बहुत धनवान व्यक्ति बन कर घर वापस आता है। अपने उस मित्र को गले लगा कर कहता है कि तुम्हारी सीख ने ही मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया है।
नाटक के कलाकार- महेश चौधरी, सौरभ राज, अमन, नमन, करण, वीर, रंजन, गोलू, अजीत थे।

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