फुलवारी शरीफ, रंजीत सिन्हा। सर्वमंगला सांस्कृतिक मंच की ओर से साप्ताहिक नुक्कड़ नाटक की श्रृंखला में महेश चौधरी द्वारा लिखित एवं निर्देशित नुक्कड़ नाटक “शीतलहर (ठंड) से बच के रहिह” की प्रस्तुति वाल्मी में की गई।
नाटक की शुरुआत सौरभ राज के स्वरबद्ध गीत- ठंडा से बच के तू घरवे में रहीह, ना त लग जाई ठंडा ऐ गोरीया, गरम कपड़ा पहन के निकलीह .. से की गई।
ठंड दस्तक दे चुका है इसलिए ठंड से बचाव हेतु जन जागरूकता अभियान में नाटक के माध्यम से लोगों को दिखाया गया कि इस शीतलहर के मौसम में अनावश्यक रूप से बाहर ना जाए खासकर वृद्ध एवं बच्चे, बीपी- शुगर से पीड़ित मरीजों एवं बुजुर्गों को हार्ट अटैक और ब्रेन हेमरेज की संभावना बढ़ जाती है। ब्लड प्रेशर बढ़ने से हार्ट अटैक और ब्रेन हेमरेज की घटनाएं होती है या फिर स्नान करने के गलत तरीके से भी हो सकता है इसलिए नहाते वक्त यह ध्यान रखना चाहिए कि सबसे पहले सिर पर पानी नहीं डालें। शरीर का तापमान सामान्य बनाए रखने के लिए घर से बाहर निकलते समय ऊनी एवं गर्म कपड़े पहन कर ही बाहर निकले। शरीर में उष्मा के प्रवाह को बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार एवं गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें जैसे खजूर कर्म दूध में गला कर खाएं, अदरक, हल्दी, तुलसी, आंवला, विटामिन सी की गोलियां, लहसुन, गरम-मसाला, शिमला मिर्च, पनीर चिल्ली और चिकन सूप पिए। यह प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
नाटक के कलाकार महेश चौधरी, सौरभ राज, अमन, नमन, करण, रंजन, गोलू, शशांक, हरिकांत, कामेश्वर प्रसाद थे।