PATNA (BIHAR NEWS NETWORK – DESK)
राजधानी स्थित बापू सभागार में रविवार को समाज सुधार अभियान के दसवें चरण में मुख्यमंत्री ने महिला उत्थान के क्षेत्र में हुए काम की भी चर्चा की। इस क्रम में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि भले ही लोगों ने अपनी पत्नी (राबड़ी देवी) को मुख्यमंत्री बना दिया पर महिलाओं के उत्थान के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने 2006 में पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं के लिए 50 फीसद आरक्षण की व्यवस्था की तो बहुत लोग उनसे नाराज भी हुए। मैंने बाद में इस व्यवस्था को नगर निकाय में भी लागू किया। वर्ष 2013 में पुलिस बल में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की। आज बिहार पुलिस बल में इतनी बड़ी संख्या में महिलाएं हैं जितनी बड़े-बड़े राज्यों में भी नहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने समाज के हर तबके के उत्थान के लिए काम किया। हर घर नल का जल, हर घर शौचालय, हर घर बिजली, पक्की नली गली योजना आदि पर काम किया। इनके रख रखाव की भी व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि समाज के उत्थान के लिए समाज सुधार अभियान निरंतर चलना चाहिए।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाज सुधार अभियान में सतत जीविकोपार्जन योजना की चर्चा करते हुए कहा कि जो परिवार नीरा का काम करता है उसे भी एक लाख रुपये की मदद की जाएगी। उन्होंने यह कहा कि ताड़ी की जगह नीरा के काम में लोग लगें।
समाज सुधार अभियान में मुख्यमंत्री ने दहेज प्रथा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हद है कि लड़की से शादी के लिए दहेज मांग रहे। वही लड़की परिवार को बढ़ाएगी। लड़की रहेगी तभी न होगा बाल-बच्चा। मुख्यमंत्री ने लोगों से यह अपील किया कि वे दहेज वाली शादी में नहीं जाएं।