PATNA (BIHAR NEWS NETWORK – DESK)
बिहार को विशेष राज्य के दर्जा के मुद्दे पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) दो-फाड़ है। इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा है कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिए विशेष पैकेज का पूरा उपयोग नहीं कर पा रही है।
बिहार सरकार को कामकाज का आइना दिखाते हुए कहा कि कई योजनाएं रुकी हुईं हैं। बिहार को अगर आगे बढ़ाना है तो पूरे मंत्रिमंडल का सहयोग आवश्यक है। आंकड़े देते हुए उन्होंने बताया है कि केंद्र सरकार बिहार का ध्यान रखती है।
बिहार को दूसरे राज्यों से मिल अधिक मदद मिल रही है। उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण पर काम करने सलाह सरकार को दी है।
बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे पर एनडीए में मची खींचतान कम नहीं हो रही। इस मसले पर बीजेपी व जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड) में लगातार आरोप-प्रत्यारोप जारी है। केंद्रीय बजट के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सोमवार को फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट लिखी है।
इसमें उन्होंने अन्य राज्यों से बिहार की तुलना करते हुए लिखा है कि केंद्र बिहार को दूसरे राज्यों से ज्यादा सहयोग कर रहा है, जो यह बताने के लिए काफी है कि नरेंद्र मोदी की सरकार बिहार का कितना ध्यान रखती है।
आंकड़े देते हुए संजय जायसवाल लिखते हैं कि महाराष्ट्र की आबादी बिहार से एक करोड़ ज्यादा है, फिर भी बिहार को महाराष्ट्र के मुकाबले 31 हजार करोड़ रुपये ज्यादा मिलते हैं।
बंगाल भी बिहार की भांति पिछड़ा राज्य है, पर उसके मुकाबले भी बिहार को 21 हजार करोड़ रुपये ज्यादा मिलते हैं।
दक्षिण भारत के राज्यों की हमेशा शिकायत रहती है कि केंद्र सरकार उन्हें कम पैसे देती है, क्योंकि उन्होंने केंद्र की नीतियों के कारण आबादी को 70 के दशक में ही रोक लिया था।
डा. जायसवाल ने लिखा है कि जीएसटी से सबसे ज्यादा फायदा बिहार जैसे राज्यों को हुआ है। पहले जिस राज्य में उद्योग स्थापित होते थे, उनको अलग से कमाई होती थी। अब इस कमाई का बड़ा हिस्सा उपभोक्ता राज्य में बंटता है। इस कारण बिहार को 20 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त फायदा हुआ है।
संजय जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना में भी बिहार को हजारों करोड़ रुपए मिलने हैं। अगर हमने भूमि उपलब्ध नहीं कराया तो ये किस्से-कहानियों की बातें हो जाएंगी।
केंद्र सरकार की योजनाओं का समुचित उपयोग करना होगा। पिछले वित्तीय वर्ष में छह हजार करोड़ की राशि बिहार सरकार को आवंटित की गई थी, पर जल-नल योजना के मद में ये पैसे नहीं लिए गए। हमें राशियों का सही उपयोग करना होगा।