PATNA (BIHAR NEWS NETWORK – DESK)
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव ने बिहार में सियासी गर्माहट बढ़ा रखी है। राजद को छोड़कर बिहार में सक्रिय करीब-करीब सभी प्रमुख दल यूपी का चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
बिहार में भाजपा के दो सहयोगी मुकेश सहनी और जीतन राम मांझी यूपी में भाजपा के विरोध में चुनाव लड़ने के लिए कमर कस रहे हैं, वहीं जदयू के साथ भाजपा के तालमेल की गुंजाइश बनी हुई है। यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ सीट बंटवारे को ले जदयू की बैठक एक-दो दिनों में संभावित है।
अपना दल और निषाद पार्टी के साथ सीट शेयरिंग को ले भाजपा की एक राउंड की बैठक हो चुकी है। ऐसे में संभावना है कि सीटों को लेकर एक-दो दिनों में भाजपा नेतृत्व की जदयू के साथ बैठक होगी। पूर्व से ही यह कहा जा रहा था कि अपना दल के साथ बैठक के बाद ही जदयू के साथ बात होगी।
यूपी में भाजपा से लगातार अलग हो रहे मंत्रियों व नेताओं के बाद जदयू ने अपनी सीटों को लेकर दबाव बनाना आरंभ किया है। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जदयू ने तीन दर्जन सीटों की सूची भाजपा नेतृत्व को सौंपी है। इनमें अधिकतर सीटें पूर्वांचल और बिहार की सीमा से लगी हुई हैं।
समस्या यह है कि जिन सीटों पर जदयू द्वारा चुनाव में उतरने की बात कही जा रही है उन पर अपना दल की भी दावेदारी है। अगर बात बनती है तो नीतीश कुमार भी योगी आदित्यनाथ के पक्ष में वोट मांगने यूपी जा सकते हैं।
बात यहां तक है कि अगर बीस से कम सीटें मिलती हैं तो जदयू नेतृत्व एनडीए के रूप में चुनाव में जाने पर पुनर्विचार कर सकता है। जदयू का स्टैंड यह कि पूर्वांचल में अति पिछड़ा वोटों को एकजुट किए जाने को ले नीतीश कुमार बड़े चेहरे के रूप में हैं। सुशासन को लेकर उनकी चर्चा लगातार होती रही है।
वर्ष 2017 में जदयू ने यूपी में खूब तैयारी भी की थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सभाओं में काफी लोग आए थे। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह कोरोना संक्रमण से मुक्त होने के बाद दिल्ली पहुंच गए हैं। ऐसे में चर्चा है कि आरसीपी सिंह व ललन सिंह के साथ जल्द ही भाजपा नेतृत्व सीटों को लेकर को बैठक करेगा।