PATNA (BIHAR NEWS NRTWORK – DESK)
बिहार सरकार के चार मंत्री कोरोनावायरस से संक्रमित हो गए हैं। ये सभी मंत्री आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में शामिल होने वाले थे।
बैठक से एक दिन पहले यानी मंगलवार को कैबिनेट के सभी मंत्रियों का सैंपल लेकर आरटीपीसीआर जांच के लिए भेजा गया था।
अब इसकी रिपोर्ट आने लगी है। आपको बता दें कि इससे पहले जदयू कार्यालय में कई लोग संक्रमित हो चुके हैं। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी संक्रमित हो चुके हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में आने वाले रसोइयों के भी संक्रमित होने की जानकारी सामने आई थी।
बिहार सरकार के दोनों ही उपमुख्यमंत्री कोरोनावायरस से संक्रमित हो गए हैं। तार किशोर प्रसाद और रेणु देवी के पीए ने उनके संक्रमित होने की जानकारी दी है। इनके अलावा बिहार सरकार के मंत्री सुनील कुमार, अशोक चौधरी की टेस्ट रिपोर्ट भी पाजिटिव आई है।
ये सभी मंत्री आज होनेवाली कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं होंगे। अन्य मंत्रियों की रिपोर्ट अभी आना बाकी है। इससे पहले बिहार सरकार के एक और मंत्री संतोष मांझी के संक्रमित होने की सूचनाएं वायरल हो रही थीं। वे पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के पुत्र हैं।
जीतन राम मांझी और उनके परिवार के कई लोग पहले ही संक्रमित हो चुके हैं। हालांकि मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने मंत्री संतोष सुमन उर्फ संतोष मांझी के संक्रमित होने की सूचना को गलत बताया है। उन्होंने बताया कि संतोष पूरी तरह स्वस्थ हैं।
राज्य सरकार के एक और मंत्री जनक राम ने बैठक में शामिल होने से पहले आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल नहीं दिया था। इसलिए उनकी कोई रिपोर्ट नहीं है। दाेपहर 12 बजे से बिहार कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में बिहार सरकार के ये पांच मंत्री वर्चुअल तौर पर शामिल हुए।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ दिनों पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अधिवेशन में भी शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल के कई डाक्टर, जूनियर डाक्टर और छात्र-छात्रा भी कोविड संक्रमित हो चुके हैं।
राहत की बात यह है कि ज्यादातर संक्रमितों में फिलहाल लक्षण सामान्य हैं। जिस तरह से संक्रमितों की तादाद बढ़ रही है, उसकी अपेक्षा अस्पताल जाने वालों की तादाद दूसरी लहर की अपेक्षा कम है।
डाक्टरों का कहना है कि कोविड का टीका लगा चुके लोग अगर संक्रमित होते भी हैं, तो उनकी स्थिति अधिक गंभीर नहीं होगी। समय रहते दवाओं का सेवन शुरू कर देने और एहतियात बरतने के बाद उन्हें अस्पताल जाने की जरूरत शायद ही पड़े।