PATNA (BIHAR NEWS NETWORK – DESK)
नोटबंदी के पांच वर्ष पूरा होने पर भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नोटबंदी का ही परिणाम है कि नकली नोटों में भारी कमी आई है। जहां 2018-19 में 3.1 लाख पीस नकली नोट पाए गए थे, वहीं 2020-21 में मात्र दो लाख पीस पाए गए।
इसके अलावा डिजिटल पेमेंट में 2019-20 मार्च की तुलना में 2020-21 में 30.19 फीसद की वृद्धि भी दर्ज की गई। रिजर्व बैंक का डिजिटल भुगतान सूचकांक जहां एक वर्ष पूर्व 207.84 था, वह इस साल मार्च में 270.59 पर पहुंच गया।
सुशील मोदी ने कहा कि 2017 में एटीएम का योगदान कुल ट्रांजेक्शन में 58 प्रतिशत था, वह 2021 में घटकर 16 प्रतिशत रह गया। मोबाइल बैंकिंग, मोबाइल वालेट तथा पास से ट्रांजेक्शन 40 फीसद से बढ़कर 85 फीसद तक हो गया है।
इसी प्रकार अनौपचारिक अर्थव्यवस्था कुछ वर्ष पूर्व तक जहां जीडीपी का 50 फीसद थी, वह अब 20 प्रतिशत की कमी के साथ जीडीपी का 30 प्रतिशत है। यह यूरोप एवं कई लैटिन अमेरिकी देशों के समकक्ष है। नोटबंदी का ही परिणाम है कि नक्सली हिंसा, आतंकवादी घटनाएं तथा आतंकी फंडिंग में भारी कमी आई है।
सुशील मोदी ने सोमवार को पूर्व उप प्रधानमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवानी से मिलकर उन्हें 94वें जन्मदिन की शुभकामनाएं भी दीं और उनके दीर्घायु होने की कामना की। मालूम हो कि 8 नवंबर 2016 को केंद्र सरकार ने भारत में नोटबंदी की थी। उस तिथि को रात आठ बजे प्रधानमंत्री ने भारतवासियों को संबोधित करते हुए 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने का एलान किया था।
इसके पीछे का तर्क बताया गया था कि पुंजीपतियों और कारोबारियों ने अलग-अलग तरीके से कालेधन का निवेश कर रखा है। वे नोट बदलवाने के लिए बैंक आएंगे तो उनके बारे में जानकारी मिलेगी। अगर वे नहीं आते हैं तो उनके पास रखे नोट कागज के टुकड़े के समान हो जाएंगे।