कियेशन आर्ट एंड क्राफ्ट इंस्टीच्यूट ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर लोगों को शुभकामना दी

PATNA (BIHAR NEWS NETWORK – DESK)

पटना, 08 मार्च कियेशन आर्ट एंड क्राफ्ट इंस्टीच्यूट ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर लोगों को शुभकामना दी है।
क्रियेशन आर्ट एंड क्राफ्ट इंस्टीच्यूट के बैनर तले महिलाओं को सिलाई, बुनाई, कढ़ाई, मधुबनी पेंटिंग, स्प्रे पेटिंग, ब्लॉक पेंटिंग, कुकिंग , डाल मेंकिंग,फ्लावर मेंकिंग ,सॉफ्ट टायज मेंकिंग , इंटीरियर डिजाइनिंग का प्रशिक्षण दिया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कियेशन आर्ट एंड क्राफ्ट इंस्टीच्यूट ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर लोगों को शुभकामना दी है। कियेशन आर्ट एंड क्राफ्ट इंस्टीच्यूट की डायरेक्टर श्रीमती गीतावली सिन्हा ने बताया आठ मार्च अंतर्राष्ठीय महिला दिवस के नाम से समर्पित है।

इसे अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है, लेकिन महिला दिवस पर ही क्यूं , बदलाव की जरूरत तो हर पल , हर कदम क्षण होनी चाहिये। उन्होंने कहा, आठ मार्च महिला दिवस पर नारी सश्क्तीकरण की बातें खूब होती है, महिलाओं के सम्मान भी होते हैं।

कुछ राज्यों में महिलाओं को सरकारी वाहनों से आने-जाने की रियायतें भी दी जाती है, लेकिन क्या ये काफी है, नहीं। बदलाव की जरूरत हो मन के अंदर से होनी चाहिये। बदलाव की बात करनी है तो सबसे पहले हर महिला यह प्रण ले कि वे दूसरी महिला के प्रति अपने नजरिये को बदलेगी, जब एक महिला दूसरी महिला को अपने संकीर्ण सोंच से आजादी दे पायेगी तभी हम संकीर्णता की बेड़ियों से आगे निकल पायेंगे।

यह सोंच हम महिलाओं की एक-दूसरे के प्रति जल्द बदले। कियेशन आर्ट एंड क्राफ्ट इंस्टीच्यूट की महासचिव श्रीमती प्रीति सिन्हा ने कहा, महिला और पुरूष के कामों में जमीन-आसमान का फर्क क्यूं होता है कि घर के कामों को महिलाओं के साथ जोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा, घर की जिम्मेदारी निभाते-निभाते महिलायें थक जाती है।

बावजूद इसके वह सम्मान वेतन की हकदार नहीं। ऐसा नहीं कि महिलायें घर के कामों से पीछा छुड़ाना चाहती है। परिवार तो उनके लिये सर्वापरि है, बस परिवार का साथ चाहिये। आशा है कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हमारें विचारों पर गति मिले।

हमें मजबूत खुद के लिये भी होना पड़ेगा। इसके लिये हमें मेहनत करनी पड़ेगी। हरिवंश राय बच्चन की कविता है लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। हम आगे बढ़ें , अपने हुनर को पहचानें हमें सम्मान अवश्य मिलेगा।

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