बिआईए में देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन

पटना, रंजीत सिन्हा। बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा अपने प्रांगण में भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें अतिथि वक्ता के रूप में देश के जाने-माने उद्योगपति अनिल अग्रवाल ने देश के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद की स्मृति में व्याख्यान दिया। बिहार और उद्योग विषय पर उन्होंने बिहार के उद्यमशीलता, उपलब्ध संसाधन, अवसर एवं भविष्य को लेकर बातें की। उन्होंने उद्यमशीलता तथा अवसर पर बोलते हुए अपनी जीवन यात्रा बताते हुए जीवन के उतार-चढ़ाव, सफलता-असफलता के सम्बन्ध में कई उदाहरण रखें। राज्य में आर्थिक विकास की संभावनाओं के परिप्रेक्ष्य में उन्होंने कहा कि बिहार में जैसा मेहनतकश मानव संसाधन है वैसा मानव संसाधन कहीं अन्य नहीं है। 13 करोड़ की आबादी वाला यह राज्य बड़ा बाजार उपलब्ध कराता है। यहाँ के लोगों में रिस्क लेने की विलक्षण क्षमता है। यहाँ की महिलाओं में अनेक तरह का कौशल है। फिर क्यों नही बिहार आगे बढ़ सकता है। उन्होंने बिहार एवं झारखंड की प्रगति के लिए दोनों राज्यों के बीच व्यापारिक एलांयस करने तथा फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण पर बल दिया। उनका मानना था कि बिहार एवं झारखंड के बीच यदि एक मजबूत एलांयस कायम हो जाए तो यह दोनों राज्यों के लिए फायदेमंद होगा।

सौर ऊर्जा की संभावनाओं पर अपनी बातों को रखते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में सौर ऊर्जा आधारित बिजली उत्पादन की काफी संभावनाएं हैं क्योंकि बिहार राज्य में जिस गुणवत्ता एवं तीव्रता की सूर्य की रौशनी उपलब्ध है, वैसा कहीं अन्यत्र नही है। उन्होंने राज्य के उद्यमियों को सलाह देते हुए कहा कि आगे बढ़ने और सफलता हासिल करने के लिए बड़े जूनून की आवश्यकता है। दुनिया में पैसे की आज कोई कमी नही है। उन्होंने यह भी कहा कि आगे बढ़ने के लिए Ease of Doing (कारोबार करने के लिए सुगम) वातावरण की आवश्यकता है। सारा काम यदि डिजिटल होने लगे तो सारी समस्या खत्म हो जाएगी।
उनके द्वारा जानकारी दी गई कि उनकी एक कम्पनी गुजरात में सेमीकन्डकटर के उत्पादन की इकाई स्थापित किए जाने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने राज्य के उद्यमियों का आह्वान किया कि बिहार में मोबाइल, टीवी आदि के उत्पादन इकाई लगाने के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि हमारी कम्पनी इच्छुक उद्यमियों के मार्गदर्शन एवं सहयोग के लिए तैयार है।
स्टार्टअप के सम्बन्ध में पूछे गए एक प्रश्न के जबाब में उन्होंने कहा कि आगे आने वाला जमाना स्टार्टअप का होगा। कृषि प्रधान राज्य होने के नाते यहाँ खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का भविष्य काफी उज्जवल है। लेकिन दूसरे और भी क्षेत्र हैं जिसमें राज्य में उद्यम स्थापना की ढ़ेर सारी संभावनाएं विद्यमान हैं।
इसके पूर्व बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण अग्रवाल द्वारा अतिथि वक्ता एवं अन्य अतिथियों के स्वागत संबोधन में बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा रोजगार एवं उद्यम स्थापना के क्षेत्र में युवाओं को प्रेरित एवं प्रोत्साहित किए जाने वाले कार्यों पर प्रकाश डाला। श्री अग्रवाल ने कहा कि राज्य आज प्रगति के पथ पर अग्रसर है। हमारी राज्य सरकार भी आर्थिक- औद्योगिक प्रगति को लेकर काफी गंभीर है। राज्य के बजट का आकार 2.35 करोड़ हो चुका है। बिजली एवं सड़क के क्षेत्र में हमने काफी सफलता हासिल की है। अब कोई बड़ी बाधा नही है। उन्होंने कुछ चुनौतियों की भी चर्चा की। राज्य एवं राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय के बीच बड़ी दूरी यहाँ के लिए चिन्ता का विषय है जिस पर उन्होंने सूक्ष्मता से प्लानिंग करने का सुझाव रखा।
एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष के पी एस केशरी ने उनकी जीवनी पर एक संक्षिप्त जानकारी साझा की। जब कि कार्यक्रम के अन्त में एसोसिएशन के महासचिव गौरव साह ने अतिथि वक्ता सहित इस अवसर पर उपस्थित तमाम अतिथियों को धन्यवाद दिया।

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